श्री चत्रदास जी महाराज की आरती
श्री चत्रदास जी महाराज की आरती ऐसी आरती करो मन भाई, गुरू गोविन्द में सब सध जाई।।टेर।। गुरू मूरति सूरति पहिचानी, यह आरती निर्दोष करानी।।1।। रमताराम अमूरति स्वामी, सब घट व्यापक अन्र्तयामी।।2।। नाम रूप यह आरती कीजै, चत्रदास भव संकट छीजै।।3।।
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